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अब आगे क्या?
कभी कभी जब राहें चलते चलते एक अंत पर आती हैं तो खुद से मन पूछ बैठता है- अब आगे क्या? बस यही है अंत सभी उड़ानों का? क्या सचमुच यही है अंत- अनंत में ढूँढता है उत्तर अपने ही प्रश्न का एक वक़्त था जब पैरों में सामर्थ्य नहीं था खड़े होने का…